भारतीय साहित्य का इतिहास बहुत पुराना है और यहां कई महान कवियों ने अपनी रचनाएँ छोड़ी हैं। यहां एक सवाल होता है कि भारत के सबसे प्रथम कवि कौन थे? यह सवाल देश के साहित्यिक इतिहास को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
भारतीय साहित्य का जन्म संस्कृत भाषा में हुआ है और इसका विकास वेद, उपनिषद, महाभारत, रामायण आदि महाकाव्यों के रूप में हुआ है। भारत के सबसे प्रथम कवि माने जाने वाले व्यक्ति आदिकवि वाल्मीकि हैं। उन्होंने रामायण की रचना की थी जो एक महाकाव्य है और भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
वाल्मीकि जी के बाद भारतीय साहित्य में बहुत से महान कवि आए हैं जैसे तुलसीदास, सूरदास, रहीम, कबीर, मीरा आदि। इन सभी कवियों की रचनाएँ भारतीय साहित्य के मूल्यवान धारणाओं को प्रतिष्ठित करती हैं। उनकी कविताएँ धार्मिक और सामाजिक संदेशों को सुंदरता के साथ प्रस्तुत करती हैं।
भारत के सबसे प्रथम कवि वाल्मीकि और उनके बाद के महान कवि ने भारतीय साहित्य को एक नया आयाम दिया है। उनकी रचनाएँ आज भी हमारे जीवन में प्रभावित करती हैं और हमें साहित्यिक और मानवीय मूल्यों को समझने में मदद करती हैं।