Pegasus kya hai in hindi jankari, pegasus kya hai hindi me bataye, पेगासस क्या होता है इसके बारे में जानकारी और विवरण समझाएँ क्या होता है कहाँ यूज़ होता है। pegasus mamla kya hai?
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पेगासस (Pegasus) एक तरह का स्पाईवेयर है। स्पाईवेयर यानी जासूसी सॉफ्टवेयर। इसे आपके डिवाइस जैसे Mobile phone, laptop में बिना आपकी जानकारी के इंस्टॉल कर दिया जाता है। जो आपके डिवाइस से आपके पर्सनल डेटा (personal data) को चुराता रहता है।
Pegasus एक जासूसी Software का नाम है। जासूसी सॉफ्टवेयर (Software) होने की वजह से इसे स्पाईवेयर भी कहा जाता है। इसे Israeli software company NSO Group ने बनाया है। इसके जरिए ग्लोबली 50, 000 से ज्यादा फोन को टारगेट किया जा चुका है। इसमें 300 भारतीय Mobile phone भी हैं।
NSO Group का बनाया Pegasus एक जासूसी सॉफ्टवेयर है जो target के फोन में जाकर डेटा लेकर इसे सेंटर तक पहुँचाता है। इससे Android and iOS दोनों को टारगेट किया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर के फोन में इंस्टॉल होते ही phone surveillance device के तौर पर काम करने लगता है।
इजरायली कंपनी (Israeli company) के अनुसार इसे क्रिमिनल और टेररिस्ट को ट्रैक करने के लिए बनाया गया है। इसे सिर्फ सरकार को ही कंपनी बेचती है। इसके single license के लिए 70 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। फोन की खामी का फायदा उठा Pegasus को इंस्टॉल किया जाता है। इसके लिए कई तरीकों का यूज किया जाता है।
टारगेट यूजर के कॉल को रिकॉर्ड भी इस स्पाईवेयर से किया जा सकता है। Pegasus से यूजर को GPS के जरिए ट्रैक भी किया जा सकता है। इसे काफी ज्यादा खतरनाक स्पाईवेयर माना गया है।
Pegasus एक जासूसी Software का नाम है। जासूसी सॉफ्टवेयर (Software) होने की वजह से इसे स्पाईवेयर भी कहा जाता है। इसे Israeli software company NSO Group ने बनाया है। इसके जरिए ग्लोबली 50, 000 से ज्यादा फोन को टारगेट किया जा चुका है। इसमें 300 भारतीय Mobile phone भी हैं।
NSO Group का बनाया Pegasus एक जासूसी सॉफ्टवेयर है जो target के फोन में जाकर डेटा लेकर इसे सेंटर तक पहुँचाता है। इससे Android and iOS दोनों को टारगेट किया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर के फोन में इंस्टॉल होते ही phone surveillance device के तौर पर काम करने लगता है।
इजरायली कंपनी (Israeli company) के अनुसार इसे क्रिमिनल और टेररिस्ट को ट्रैक करने के लिए बनाया गया है। इसे सिर्फ सरकार को ही कंपनी बेचती है। इसके single license के लिए 70 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। फोन की खामी का फायदा उठा Pegasus को इंस्टॉल किया जाता है। इसके लिए कई तरीकों का यूज किया जाता है।
टारगेट यूजर के कॉल को रिकॉर्ड भी इस स्पाईवेयर से किया जा सकता है। Pegasus से यूजर को GPS के जरिए ट्रैक भी किया जा सकता है। इसे काफी ज्यादा खतरनाक स्पाईवेयर माना गया है।
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