लोकगीत में विशेष खास मनोरंजन होता है क्योंकि यह छेत्रिय लोक कला व गाँव देहात की कलाकृति के आधार पर, संस्कृति के आधार पर, गाई जाने वाली एक खास रचना है। लोकगीत में गाँव और देहात में ज्यादा पसंद किए जाने वाला प्रोग्राम है। विशेषकर या गाँव देहात के चरित्र चित्रण और कला पर आधारित होता है। साथ में संस्कृति और रीति रिवाज को संयोजित किए, जाने वाले गीत के माध्यम से, इसे प्रयोग किए जाते हैं। हम जानते हैं लोकगीत में विशेष मनोरंजन क्या है इसके बारे में,
लोकगीत में विशेष मनोरंजन
इसमें खास करके विशेष मनोरंजन यह है कि गाँव देहात के लोग विशेषकर हिन्दी बॉलीवुड हॉलीवुड या किसी भी म्यूजिक सुनने से ज्यादा अपने क्षेत्रीय भाषा में प्रयोग किए जाने वाले लोकगीत को ज्यादा महत्त्व देते हैं। छेत्रिय भाषा का ज्यादा उपयोग करते हैं। जो देखा होगा कि बुंदेली लोकगीत के साथ-साथ वह अपनी लोककला भी पेश करते हैं। उदाहरण के तौर पर जैसे कि रावला, राई और भी ऐसे प्रोग्राम होते हैं जो बुंदेली लोकगीतों के साथ एंटरटेनमेंट करते हैं।
मध्य प्रदेश के क्षेत्रीय बुंदेली लोकगीतों
मध्य प्रदेश के क्षेत्रीय बुंदेली लोकगीत में विशेष कार्य के झांसी, टीकमगढ़, छतरपुर, ललितपुर, दमोह, सागर ऐसे जिले अक्सर बुंदेलखंड में आते हैं जो यहाँ पर कई ऐसे बुंदेली कलाकार हैं जो अपनी बुंदेली लोक कथा नित्य के साथ लोगों का मनोरंजन करते हैं ।
बुंदेली लोकगीत में विशेष मनोरंजन के कुछ महत्त्वपूर्ण उदाहरण निम्न है;
बुंदेली लोकगीत लोकप्रियता में शास्त्रीय संगीत से-से कुछ अलग प्रकार के क्षेत्रीय भाषा के साथ प्रयोग किए जाते हैं। लोकगीत या गाँव देहातों और लोकल एरिया का विशेष संगीत है।अक्सर अपने गाँव देहात और घर परिवार के बीच में आम लोगों के बीच गाया जाने वाला गीत है।
लोक गीतों की रचना करने वाले वह गाने वाले अधिकतर लोग गाँव देहात के होते हैं। गाँव देहात की महिला भी इसे बहुत रुचि से एक साथ गाने का शौक रखती हैं और भाग लेते हैं। विशेषकर लोकगीत का सम्बंध देहात की आम जनता से है जो अपने वार्तालाप को उसे बुंदेली या लोकगीत बनाते हैं।
लोकगीत रचना करने वाले विशेष करके ऐसे गीतों को बनाते हैं जो आम देहात के लोगों या किसी भी लोगों के दैनिक क्रियाकलापों का वितरण करते हैं। लोकगीत के भाषा बोली गाँव के इलाकों और गोलियों से सम्बंधित रहती है जो उनके वार्तालाप से सम्बंधित खाता हो। यह ढोल नगरिया बांसुरी हारमोनियम आदि शास्त्रों संगीत शास्त्रों के साथ गाए जाने वाला प्रोग्राम है।