दोस्तों आपका सवाल बहुत ही रोचक है। हम जानने वाले हैं दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म कौन सा है? इसका जवाब आसानी से नहीं मिल सकता है। फिर भी धर्म की फैलाव का अंदाजा लगाने के लिए कई तरह के मापदंड हो सकते हैं जैसे कि धर्मांतरण दर, जन्म दर, वैवाहिक दर, आदि। एस्प्रकार से इन मापदंडों के आधार पर अलग-अलग धर्मों की फैलाव की गति भी अलग-अलग हो सकती है। चालिए कुछ रिकोड़ जानते है।
विश्व में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म रिकॉर्ड
1- वर्ल्ड जनसंख्या संभावना 2022 रिपोर्ट के अनुसार, संसार में इस्लाम धर्म की फैलाव गति सबसे तेज है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 से 2020 के बीच इस्लाम धर्म के अनुयायियों की संख्या 35 प्रतिशत बढ़ी हुई है, जो विश्व जनसंख्या के वृद्धि दर से दोगुना है। इसी दर से अगर इस्लाम धर्म का फैलाव होता रहा, तो 2050 तक दुनिया में इस्लाम धर्म के अनुयायियों की संख्या 2.8 अरब तक पहुंच सकती है, जो विश्व जनसंख्या का 29.7 प्रतिशत होगा।
2- दूसरे नंबर पर ईसाई धर्म का फैलाव है, जिसकी वृद्धि दर 23 प्रतिशत के लगभग है। ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या 2010 से 2020 के बीच 2.2 अरब से 2.7 अरब तक बढ़ी है। जबकि 2050 तक ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या 3.1 अरब तक पहुंच सकती है, जो विश्व जनसंख्या का 31.4 प्रतिशत होगा।
3- तीसरे नंबर पर हिंदू धर्म का फैलाव हो रहा है। जिसकी वृद्धि दर 18 प्रतिशत है। हिंदू धर्म के अनुयायियों की संख्या 2010 से 2020 के बीच 1 अरब से 1.2 अरब तक बढ़ी हुई है। लेकिन 2050 तक हिंदू धर्म के अनुयायियों की संख्या 1.4 अरब तक पहुंच जाएगी, जो विश्व जनसंख्या का 14.9 प्रतिशत होगा।
4- चौथे नंबर पर बौद्ध धर्म का फैलाव है, जिसकी वृद्धि दर 7 प्रतिशत है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या 2010 से 2020 के बीच 487 मिलियन से 535 मिलियन तक बढ़ चुकी है। लेकिन 2050 तक बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या 590 मिलियन तक पहुंच जाएगी, जो विश्व जनसंख्या का 6.3 प्रतिशत होगा।
इसके अलावा दोस्तो दुनिया में अन्य धर्मों के अनुयायियों की संख्या भी बढ़ रही है, जैसे कि यहूदी, सिख, जैन, बहाई, शिंतो, जोरोस्त्र, आदि। इन धर्मों के अनुयायियों की संख्या 2010 से 2020 के बीच 58 मिलियन से 63 मिलियन तक बढ़ी हुई है। जबकि 2050 तक इन धर्मों के अनुयायियों की संख्या 79 मिलियन तक पहुंच जाएगी, जो विश्व जनसंख्या का 0.8 प्रतिशत होगा।
दोस्तो दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो किसी भी धर्म में विश्वास नहीं करते हैं, जैसे कि नास्तिक, अग्नोस्टिक, आदि। इन लोगों की संख्या 2010 से 2020 के बीच 1.1 अरब से 1.2 अरब तक बढ़ी हुई है। लेकिन 2050 तक इन लोगों की संख्या 1.3 अरब तक पहुंच सकती है। आशा है आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।