अभी मेरे दिमाग़ में क्या चल रहा, यह अपने आप से पूछने और जानने में मदद होगा। क्योंकि लगभग सभी लोगों के अपने-अपने विचार और अपने-अपने दिमाग़ की डिटेल स्वयं ही पूर्ण रूप से जान सकते हैं। लेकिन कुछ जानकार होते हैं कुछ विशेषज्ञ होते हैं दिमाग़ में चलने वाली प्रक्रिया और विचारों को अच्छी तरह से अनुमान लगा सकते हैं।
ठीक इसी प्रकार से जिस समय भी हम यह आर्टिकल पढ़ रहे हैं यह क्वेश्चन का आंसर पढ़ रहे हैं उस समय हमारे दिमाग़ में एक क्वेश्चन पैदा हुआ, अपने आप से कि हमारे दिमाग़ में क्या चल रहा है? हमारी सोच में क्या है, हमारे विचार में क्या है, हमें अपने आप को जानने की कोशिश है करते हैं कि इस समय हमारे दिमाग़ में क्या चल रहा है।
हाँ हमारे दिमाग़ में हमारे वातावरण और परिस्थिति के साथ हमारा मस्तिष्क विचारों का आदान प्रदान करता है। हमारे मस्तिष्क में हम किस परिस्थिति से गुजर रहे हैं, कौन-सी हालातों से गुजर रहे हैं, कौन-सी चाहे से गुजर रहे हैं, क्या हमारे अंदर की चाहत है। क्या हम किसी ख़्वाब और मन को दिमाग़ में सजाए हुए हैं।
हम अपने लक्ष्य को पाने के लिए या हम किसी से मात्र खाए हुए हैं। किसी को हम परेशान किए हुए हैं या हम किसी भी चीज की इच्छा रखते हैं। ऐसे आदान-प्रदान और शारीरिक क्रियाओं के साथ हमारे मस्तिष्क में तमाम प्रकार के विचार उत्पन्न होते हैं।
हालांकि विशेषज्ञ कुछ अनुमान लगा सकते हैं लेकिन एक दिमाग़ को मस्तिष्क की तरंगों को हम स्वयं ही अनुमान लगा सकते हैं कि वास्तव में हमारे दिमाग़ में कौन-सा विचार चल रहा है। हम किस हालात से गुजर रहे हैं कि हमको आंसर ढूँढ रहे हैं और किस परिस्थिति और हालात को देख कर के हमारे दिमाग़ में यह विचार उत्पन्न हो रहे हैं।
अधिकता हम उनका सलूशन पाने की कोशिश करते हैं ठीक अपने दिमाग़ के विचारों को पढ़ना एक्शन की आंतरिक प्रक्रिया है। इसे हम स्वयं ही बखान कर सकते हैं बता सकते हैं और हम गंभीर भी रह सकते हैं। इसलिए अभी भी अपने दिमाग़ में क्या चल रहा है आप अपने आप से पूछ सकते हैं जान सकते हैं।