पृथ्वी के चारों ओर रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन गैसो का एक विशाल आवरण है इस आवरण में वायु की व्यापकता के कारण इसे वायुमंडल कहा जाता है वायुमंडल की अनुमानतं ऊंचाई 16 से 29 किलोमीटर तक है इसका 90% भाग धरातल के ऊपर 32 किलोमीटर की ऊंचाई तक विद्यमान है ।
भारी गैस वायुमंडल के निचले भाग में तथा हल्की गैस ऊपरी भाग में पाई जाती है वायुमंडल अनेक गैसों का मिश्रण है इसमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, आर्गन, हाइड्रोजन, हिलियम, नियोन, जिनोन, ओजोन आदि गैस पाई जाती है ।
इसमें नाइट्रोजन और ऑक्सीजन गैस प्रमुख है जिनके द्वारा वायुमंडल का 99% भाग बना हुआ है वायुमंडल में जलवाष्प सबसे अधिक परिवर्तनशील है वायु में इसकी मात्रा का प्रतिशत सूक्ष्म से लेकर 4% तक रहा है जलवाष्प वायुमंडल की निचली परत में पाई जाती है ऊंचाई के बढ़ने के साथ-साथ इसकी मात्रा घटती जाती है।
वायुमंडल के लगभग 50% जलवाष्प 2 किलोमीटर की ऊंचाई तक उपलब्ध होती है यह मात्रा भूमध्य रेखा से ध्रुव की ओर भी कम होती हैं 8 किलोमीटर से अधिक ऊंचाई पर जलवाष्प नहीं पाई जाती है वायुमंडल में धूल के कण लटकती हुई अवस्था में विद्यमान रहते हैं।
वायुमंडल को इन धूल कणों की प्राप्ति धरातलीय शुष्क मिट्टी, धुआँ, महासागरीय लवण, जीवाणु, बीज एवं बीजाणु ज्वालामुखी उद्गार, उल्का आदि से होता है वायुमंडल में ये धूल कण निचली परतों में ही अधिकतर पाए जाते हैं परंतु संवहन धाराये इन्हें उच्च वायुमंडल तक पहुँचाती है।